जबलपुर - [ संवाददाता डेस्क ] राममंदिर निर्माण के संकल्प के साथ 28 वर्षों से अन्न त्याग करने वाली जबलपुर निवासी श्रीमती उर्मिला चतुर्वेदी के दर्शन करने साँसद श्री राकेश सिंह विजयनगर स्थित उनके निवास पहुँचे और उन्हें शाल, श्रीफल देकर उनका आशीर्वाद लिया।
साँसद सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आज जब मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है तो यह स्पष्ठ रूप से दिखाई देता है कि एक ओर साधु संतों का तप, कारसेवकों का बलिदान फलीभूत हो रहा है वही बहुत बड़ी संख्या ऐसे साधको और तपस्वियों की है जिनने मंदिर निर्माण के लिए कठिन व्रत और संकल्प लिए है उनमें से एक माता जी श्रीमती उर्मिला जी है जिन्होंने 28 वर्षों से अन्न ग्रहण नही किया है।
राकेश सिंह ने कहा की 82 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी माताजी को देखकर लगता है कि ऐसे ही तपस्वियों के कारण ही मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राकेश
सिंह ने कहा कि न जाने कितने लोग ऐसे है जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अन्न त्याग, चरण पादुका त्याग और जमीन पर सोने जैसे संकल्प लिए है ताकि मंदिर निर्माण प्रारम्भ हो सके उन सभी के संकल्प की पूर्ति होने का समय अब आ गया है।
राकेश सिंह ने हम जबलपुर वासियों के लिए भी गौरव की बात है कि माता जी उर्मिला चतुर्वेदी जैसे तपस्वी हमारे बीच है जिनके दर्शन कर आज हम धन्य हुए और उन पुण्यात्मा का आशीर्वाद पाकर सुखद अनुभूति हुई है।
साँसद सिंह ने इस अवसर पर कहा कि आज जब मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है तो यह स्पष्ठ रूप से दिखाई देता है कि एक ओर साधु संतों का तप, कारसेवकों का बलिदान फलीभूत हो रहा है वही बहुत बड़ी संख्या ऐसे साधको और तपस्वियों की है जिनने मंदिर निर्माण के लिए कठिन व्रत और संकल्प लिए है उनमें से एक माता जी श्रीमती उर्मिला जी है जिन्होंने 28 वर्षों से अन्न ग्रहण नही किया है।
राकेश सिंह ने कहा की 82 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी माताजी को देखकर लगता है कि ऐसे ही तपस्वियों के कारण ही मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राकेश
सिंह ने कहा कि न जाने कितने लोग ऐसे है जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अन्न त्याग, चरण पादुका त्याग और जमीन पर सोने जैसे संकल्प लिए है ताकि मंदिर निर्माण प्रारम्भ हो सके उन सभी के संकल्प की पूर्ति होने का समय अब आ गया है।
राकेश सिंह ने हम जबलपुर वासियों के लिए भी गौरव की बात है कि माता जी उर्मिला चतुर्वेदी जैसे तपस्वी हमारे बीच है जिनके दर्शन कर आज हम धन्य हुए और उन पुण्यात्मा का आशीर्वाद पाकर सुखद अनुभूति हुई है।