जबलपुर - [संवाददाता डेस्क]
एक समय था जब जबलपुर को 'संस्कारधानी' कहा जाता था, लेकिन अब वही संस्कारधानी अर्थात संस्कारों का शहर अब समय के साथ 'अपराधों का शहर' बनता जा रहा है। चाकूबाजी, लूट, बलात्कार हत्या की घटना से लेकर तमाम अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। शहर में बढ़ते इन अपराधों की वृद्धि को देखते हुए शहर के समाजसेवी अमित खरे ने अब इस पर लगाम लगाने का निश्चय किया है। उन्होंने जबलपुर एवं तमाम तहसील क्षेत्र जैसे शहपुरा, चरगवां, बरगी ऐसे क्षेत्रों को अपराध मुक्त देखने स्वयं के खर्चे पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्णय लिया है। जिसकी मॉनिटरिंग क्षेत्र के थाने से होगी और ये 'तीसरी आँख' जल्द आपराधिक गतिविधियों में लिप्त अपराध करने वालों को सलाखों के पीछे डालेगा।
'सोनू सूद' के तर्ज पर उतरे अमित खरे -
उल्लेखनीय है की वैश्विक महामारी कोविड-19 के शुरुआती दौर में अमित ने जरुरत मंद लोगों को 'स्मार्ट सिटी परिवार' की ओर से राशन एवं खाना देकर उनकी मदद की थी। उन्होंने बरगी, चरगवां, शहपुरा आदि तमाम क्षेत्र के लोगों की मदद की है।
'अपराधों' का नहीं, जबलपुर को 'संस्कारों का शहर' देखना चाहते अमित-
'मध्य लाइव खबर' से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वे जबलपुर को अपराध मुक्त शहर के रूप में देखना चाहते हैं। समाजसेवी अमित के अनुसार जिस प्रकार जबलपुर को 'सस्कारों का शहर' माना जाता रहा है उसी तर्ज पर जबलपुर के तहसील क्षेत्र को 'तीसरी आँख' से जोड़ना चाह रहे हैं क्योंकि इस समय तहसील क्षेत्रों में आपराधिक मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस प्रतिनिधि से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब उनका एक सपना है की केवल संस्कारधानी ही नहीं, बल्कि तहसील क्षेत्र भी अपराध मुक्त बने और ऐसा वे करके ही रहेंगे चाहे इसके लिए कितना ही संघर्ष और विरोध का सामना उन्हें करना पड़े। वे अंतिम समय तक इस उद्देश्य को प्राप्त होने तक डटे रहेंगे।
एक समय था जब जबलपुर को 'संस्कारधानी' कहा जाता था, लेकिन अब वही संस्कारधानी अर्थात संस्कारों का शहर अब समय के साथ 'अपराधों का शहर' बनता जा रहा है। चाकूबाजी, लूट, बलात्कार हत्या की घटना से लेकर तमाम अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। शहर में बढ़ते इन अपराधों की वृद्धि को देखते हुए शहर के समाजसेवी अमित खरे ने अब इस पर लगाम लगाने का निश्चय किया है। उन्होंने जबलपुर एवं तमाम तहसील क्षेत्र जैसे शहपुरा, चरगवां, बरगी ऐसे क्षेत्रों को अपराध मुक्त देखने स्वयं के खर्चे पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्णय लिया है। जिसकी मॉनिटरिंग क्षेत्र के थाने से होगी और ये 'तीसरी आँख' जल्द आपराधिक गतिविधियों में लिप्त अपराध करने वालों को सलाखों के पीछे डालेगा।
'सोनू सूद' के तर्ज पर उतरे अमित खरे -
उल्लेखनीय है की वैश्विक महामारी कोविड-19 के शुरुआती दौर में अमित ने जरुरत मंद लोगों को 'स्मार्ट सिटी परिवार' की ओर से राशन एवं खाना देकर उनकी मदद की थी। उन्होंने बरगी, चरगवां, शहपुरा आदि तमाम क्षेत्र के लोगों की मदद की है।
'अपराधों' का नहीं, जबलपुर को 'संस्कारों का शहर' देखना चाहते अमित-
'मध्य लाइव खबर' से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वे जबलपुर को अपराध मुक्त शहर के रूप में देखना चाहते हैं। समाजसेवी अमित के अनुसार जिस प्रकार जबलपुर को 'सस्कारों का शहर' माना जाता रहा है उसी तर्ज पर जबलपुर के तहसील क्षेत्र को 'तीसरी आँख' से जोड़ना चाह रहे हैं क्योंकि इस समय तहसील क्षेत्रों में आपराधिक मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस प्रतिनिधि से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब उनका एक सपना है की केवल संस्कारधानी ही नहीं, बल्कि तहसील क्षेत्र भी अपराध मुक्त बने और ऐसा वे करके ही रहेंगे चाहे इसके लिए कितना ही संघर्ष और विरोध का सामना उन्हें करना पड़े। वे अंतिम समय तक इस उद्देश्य को प्राप्त होने तक डटे रहेंगे।