एक ओर देश चाइना निर्मित सामानों का बहिष्कार कर उन्हें आग में झोंक रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ अभी भी बेधड़क TikTok का इस्तेमाल किये जा रहे हैं। 26 जनवरी और 15 अगस्त को देश की आन, बान और शान पर कुर्बान होने की कस्में खाने वालों में ऐसे ही लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, सिर्फ ये दिखाने के लिए की देश के प्रति वे कितने वफादार है! क्या ऐसे लोगों की वफादारी पर खुली आँख भी भरोसा किया जा सकता है? जवाब मिले न मिले पर यह एक 'विराट प्रश्न चिन्ह' बनकर सवाल करता ही रहेगा।
आज देश चीन की गद्दारी से गुस्साए हुए हैं। सब 'गलवान घाटी' में झड़प के दौरान मारे गए भारतीय जवानों की शहादत का बदला चाहता है। इस बीच देश भर में चीनी सामानों के बहिष्कार का दौर जारी है। चीन के राष्ट्रपति के पुतले को भी जला कर देश वासी अपने गुस्से का इज़हार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, देश के प्रति मर मिटने की बात करने वाले कुछ युवा अभी भी चाइना के प्रति अपने प्रेम का इज़हार TikTok के ज़रिये करने में दिन रात एक रहे हैं। इनसे मिलता क्या है, आज तक ये बात समझ से परे हैं। ये बात भी समझ से बाहर है की आखिर देश भक्ति का पैमाना क्या है?
अगर हम संकट के समय देश और सरकार के साथ नहीं है, तो फिर देश प्रेम की बात करने से बचना चाहिए। ताकि ऐसे लोगों की पहचान करना आसान हो। क्योंकि जो ऐसे वक्त में देश की भावनाओं से खेलते है, उसे 'देश प्रेमी' का तमगा लगा कर अपने को प्रदर्शित करने का कोई अधिकार नहीं है। तो आइये, आज और अभी अपने अपने मोबाइल से Made in china के 'ऐप्स' को बाहर का रास्ता दिखा चीन को उसके किये का मुँह तोड़ जवाब दें। क्या आप साथ नहीं देंगे? इस दुनिया में TikTok के अलावा भी कई और मनोरंजन के साधन है, उनसे खेलिए, किसने रोका आपको?