जबलपुर - (विशेष संवाददाता) आओ खरीदो और यही खड़े होकर पियो जी हां यही किस्सा है संस्कारधानी जबलपुर के गोरखपुर स्थित अंग्रेजी शराब दुकान का ना तो इस ओर प्रशासन का ध्यान है और ना ही गोरखपुर पुलिस का शाम होते ही शराबी यहां से शराब खरीदते है और शराब की दुकान के पीछे जाकर खड़े होकर शराब पीने लगते हैं यही नहीं शराबी कोई मतलब नहीं होता सोशल डिस्टेंसिंग से क्योंकि वह तो शराब पीने आए और मेहरबान है शराब के दुकान वाले जबलपुर में इस समय कुछ दुकानों का ठेका भी हो गया है परंतु आहाते चालू नहीं हुए हैं जिसके चलते जबलपुर में यह आम है कि कुछ शराबी दुकान के सामने ही खड़े होकर पीने लगते हैं और कुछ लोग दुकान के पीछे जाकर पर सवाल यह खड़ा होता है आखिर प्रशासन इस ओर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है कि शराब की दुकान के सामने और पीछे सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है..
सूत्रों की माने तो गोरखपुर अंग्रेजी शराब दुकान शराबियों का अड्डा बन गया -
जिला प्रशासन तमाम वादे एवं अधिकारियों को पोस्टेड किए हुए हैं परंतु अधिकारी सुबह ही देखते हैं शाम होते ही अधिकारी नदारद हो जाते हैं जिन्हें यह देखना होता है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कहां हो रहा है और कहां नहीं गोरखपुर शराब दुकान शराबियों का अड्डा बन चुका है नहीं यहां पर पुलिस कार्यवाही करती है और ना ही कोई अधिकारी आपकारी विभाग भी अब यहां सिर्फ खानापूर्ति करते नजर आ रही है..
कहां गायब हो गए आबकारी विभाग के अधिकारी -
टेंडर होने से पहले आबकारी विभाग के ही जिम में था शराब दुकान पर अब जब से डर हो गया है तब से आबकारी विभाग नदारद दिख रहा है एक तरफ शराब की दुकानों में महंगी शराब बेची जा रही है और दूसरी ओर लोगों को वहीं खड़े होकर ही पीने दिया जा रहा है आखिर इसका जिम्मेदार कौन..??