जबलपुर - एक ही सवाल आज आम से ले कर खास तक एक दूजे से यही सवाल करते नज़र आये की क्या शराब को आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है? सवाल वाजिब भी है। सवाल और कानाफूसी का ये दौर देर शाम तक चलता और पुछा जाता रहा। प्रशासन के एक अनोखे आदेश की चर्चा शहर के गलियारों में है, जब नगर सीमा क्षेत्रों में सभी प्रकार की गतिविधियों में रविवार को विराम लगाया गया है, तब दूसरी ओर जिला प्रशासन के आदेश पर शराब की सभी दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया। अब ऐसी स्थिति में तो लोग आपस में यह चर्चा करते हुए दिख रहे हैं कि लगता है कि प्रशासन ने शराब को भी अति आवश्यक वस्तु की श्रेणी में शामिल कर दिया है। जिसके कारण जबलपुर शहर की सभी शराब की दुकानें अनलॉक-1 में रविवार को जारी विराम के चलते खुली दिखाई दी।
कलेक्टर भरत यादव ने 28 जून रविवार को अनलॉक.1 के तहत दी गई छूट में एक दिवस का विराम देने संबंधी एक आदेश जारी किया है, आदेश के मुताबिक जबलपुर जिले की नगर निगम सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में अति आवश्यक वस्तुएं यथा दूध, मेडीकल स्टोर, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी आदि की दुकानें खुली रहेंगी व अन्य आवश्यक वस्तुओं की होम डिलेवरी की व्यवस्था यथावत रहेगी। लेकिन इस दिन जनरल स्टोर्स, फल, सब्जी आदि की दुकानें एवं निजी कार्यालय बंद रहे। वहीं वाहनों की आवाजाही में भी पूर्णत: प्रतिबंध है। फिर भी इस आदेश के बावजूद शराब की दुकानें खुली रही। जिसमें बताया गया कि शासन के द्वारा राजस्व में बढ़ोत्तरी के लिए शराब की दुकानों को खोलने के आदेश दिए गए हैं।
इसको लेकर शहरवासी आश्चर्यचकित है। उनका कहना था की जब अनलॉक-1 के चलते आज रविवार को सबकुछ बंद है तो फिर कैसे नागरिक शराब लेने के लिए दुकानों तक पहुंच रहे हैं? अगर कोई शराब लेने की बात वाहन चैकिंग के दौरान करता तब भी पुलिस उन्हें जाने दे रही थी। कहीं कहीं पुलिस संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही भी कर रही थी।
सवाल करने वालों का कहना था कि ऐसा कुछ नहीं है तो फिर शराब की दुकानों के खोले जाने का उद्देश्य क्या था?